सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस पर सख्ती दिखाते हुए अहम आदेश दिया है...कोर्ट ने कहा है कि देशभर के थानों में दर्ज एफआईआर को 24 घंटे के भीतर पुलिस या राज्य सरकार की वेबसाइट पर अपलोड किया जाना चाहिए...कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि किसी तकनीकी कारण से दिक्कत आती है तो एफआईआर को 48 घंटे में अपलोड किया जाना अनिवार्य है...कोर्ट ने इस मामले से महिलाओं के साथ यौन शौषण, बच्चों के यौन शोषण, आतंकवाद और विद्रोह जैसे संवेदनशील मामलों में छूट दी है. कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में एफआईआर अपलोड करने की जरूरत नहीं है. सिक्किम, मिजोरम, मेघालय और कश्मीर जैसे राज्यों की भौगोलिक हालात अलग हैं वहां 72 घंटे में अपलोड करने का समय कोर्ट ने तय कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि कौन सा अपराध संवदेनशील है और FIR अपलोड नहीं होनी चाहिए, ये DSP या DM तय करेगा...सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया, अगर FIR अपलोड नहीं हुई तो इसके आधार पर कोई आरोपी अग्रिम जमानत नहीं ले सकता है।--
Watch DBLIVE | 7 September 2016 | Police must register FIR in cognizable offence, says Supreme Court With HD Quality.