DBLIVE | 15 September 2016 | Today's History

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1935 में जर्मनी में न्यूरेम्बर्ग कानून बनाया गया। इस कानून के तहत जर्मन यहूदियों को जर्मन नागरिकता से वंचित कर दिया गया। उल्टे स्वस्तिक को नाज़ी जर्मनी का आधिकारिक प्रतीक घोषित कर दिया गया। जर्मनी की नाज़ी तानाशाही में यह महत्वपूर्ण पड़ाव था, जिसका अंत बड़े पैमाने पर यहूदी नरसंहार और द्वितीय विश्व युद्ध के रूप में सामने आया। इस युद्ध में 60 लाख से ज़्यादा लोग मारे गए थे। 1933 में हिटलर के सत्ता में आने के बाद नाज़ीवाद जर्मनी की सरकारी विचारधारा बन गया और यहूदियों को बुरे हालातों का सामना करना पड़ा।


1940 में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटेन की वायुसेना ने जर्मन वायुसेना को शिकस्त दी थी। इस हमले के दौरान ब्रितानी वायुसेना ने दावा किया कि उसने जर्मन वायुसेना के 176 जहाज़ मार गिराए हैं। साथ ही ब्रितानी वायुसेना ने यह भी कहा कि हमारे केवल 25 जंगी जहाज़ और 13 पायलट इस लड़ाई में गए थे। बाद के दिनों में यह साफ़ हुआ कि इस लड़ाई के दौरान जर्मनी और ब्रिटेन दोनों ने ही बढ़ा-चढ़ा कर अपने दावे पेश किए हैं। 15 सितंबर को ब्रिटेन ने जर्मनी के 60 लड़ाकू जहाज़ गिराए थे। ब्रिटेन के हाथों हुए नुकसान की वजह से जर्मनी ने ब्रिटेन में अपनी ज़मीनी सेनाओं को भेजने का इरादा छोड़ दिया था। कई दिनों तक चले इस युद्ध में ब्रिटेन ने जर्मनी के 2,698 हवाई जहाज़ों को मार गिराने के दावा किया लेकिन यह संख्या 1,294 थी। वहीं जर्मनी ने 3,058 ब्रितानी जहाज़ गिराने का दावा किया था, जिनकी संख्या केवल 788 ही थी।.

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  • Watch DB LIVE | 02 SEPTEMBER 2016 | TODAY
    DB LIVE | 02 SEPTEMBER 2016 | TODAY'S HISTORY| 2 SEPTEMBER HISTORY

    1941 में मशहूर अभिनेत्री साधना शिवदासानी का जन्म हुआ था। साधना ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत फिल्म 'अबाणा' से की थी। अपने बालों की स्टाइल की वजह से साधना बहुत पसंद की गईँ और उनका यह हेयर स्टाइल साधना कट के नाम से जाना जाता है। 'लव इन शिमला', 'मेरे महबूब', 'आरज़ू', 'वक़्त', 'मेरा साया', 'इश्क पर ज़ोर नहीं', 'परख', 'प्रेमपत्र', 'गबन', 'एक फूल दो माली' और 'गीता मेरा नाम' आदि इनकी बेहतरीन फिल्में हैं। 2002 में साधना को अंतरराष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी यानी आईफा की ओर से लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से नवाज़ा गया।

    1945 में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान ने बिना किसी शर्त आत्मसमर्पण किया था। जापानी अधिकारियों ने मित्र सेनाओं के क़रीब 50 जनरलों और उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में आत्मसमर्पण के कागज़ातों पर दस्तख़त किए और इसी के साथ छह वर्षों से चल रहा दूसरा विश्व युद्ध औपचारिक रूप से ख़त्म हो गया। छह अगस्त को अमेरिका ने युद्ध के दौरान मानव इतिहास में पहली बार जापान के हिरोशिमा शहर में परमाणु बम गिराया था। दूसरा बम तीन दिन बाद नागासाकी शहर पर गिराया गया। जापान के सम्राट हिरोहितो ने युद्ध के दौरान जापानी अधिकारियों और सैनिकों की ओर से किए गए सारे अपराधों की ज़िम्मेदारी खुद लेने का प्रस्ताव किया, लेकिन यह प्रस्ताव पारित नहीं हुआ।

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  • Watch 5 December History: क्यों World के लिए है आज ख़ास दिन | History | Today History | Khabarfast | Video
    5 December History: क्यों World के लिए है आज ख़ास दिन | History | Today History | Khabarfast |

    5 December History: क्यों World के लिए है आज ख़ास दिन | History | Today History | Khabarfast |
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    5 December History: क्यों World के लिए है आज ख़ास दिन | History | Today Histor

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    DBLIVE | 9 September 2016 | Today's History

    1850 में मशहूर लेखक और पत्रकार भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का जन्म हुआ था। इन्हें आधुनिक हिन्दी साहित्य का जनक कहा जाता है। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र जब साहित्य के क्षेत्र में आए, तब देश ग़ुलामी की ज़ंजीरों में जकड़ा हुआ था। लोगों में हिन्दी के प्रति प्रेम कम था, क्योंकि अंग्रेज़ी की नीति से हमारे साहित्य पर बुरा असर पड़ रहा था। भारतेंदु ने सबसे पहले समाज और देश की दशा पर विचार किया और फिर अपनी लेखनी के माध्यम से विदेशी हुकूमत का पर्दाफ़ाश किया। प्रेममालिका, प्रेम माधुरी, प्रेम-तरंग, अंधेर नगरी, भारत दुर्दशा, कृष्णचरित्र आदि इनकी बेहतरीन रचनाएं हैं। हिन्दी साहित्य को इन्होंने विशेष समृद्धि प्रदान की है। इन्होंने दोहा, चौपाई, छन्द, बरवै, हरि गीतिका, कवित्त और सवैया आदि पर भी काम किया। इन्होंने न केवल कहानी और कविता के क्षेत्र में काम किया, बल्कि नाटक के क्षेत्र में भी अपना विशेष योगदान दिया। 35 वर्ष की अल्पायु में भारतेंदु ने 72 ग्रंथों की रचनाएं कीं।

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    DBLIVE | 29 September 2016 | Today's History | आज का इतिहास

    1913 में रुडोल्फ डीजल की बेहद रहस्यमय ढंग से मौत हुई थी। रुडोल्फ ने दुनिया के पहले डीजल इंजन का निर्माण किया था। बेल्जियम से हार्विक (इंग्लैंड) की तरफ जाते हुए रुडोल्फ डीजल, ड्रेसडेन नाम के जहाज से अचानक लापता हो गए थे। 10 अक्टूबर 1913 को उत्तरी सागर में एक शव तैरता हुआ मिला। जांच में पता चला कि शव रुडोल्फ डीजल का है, लेकिन उनकी मौत कैसे हुई, इस पर आज भी रहस्य बना हुआ है। आधिकारिक तौर पर कहा गया कि रुडोल्फ डीजल ने आत्महत्या की, हालांकि कई लोग इस दावे पर सवाल करते हुए उनकी हत्या की आशंका जताते हैं। डीजल का नाम और काम आज भी जिंदा है। 28 फरवरी 1892 को रुडोल्फ डीजल ने अपने 'कंप्रेशन इंग्निशन इंजन' को पेटेंट कराया। शुरुआत में यह इंजन मूंगफली के तेल या वनस्पति तेल से चलता था. बाद में रुडोल्फ ने इसमें सिलेंडर जोड़ा और फिर पेट्रोल से अलग और सस्ते दूसरे किस्म के तरल ईंधन का इस्तेमाल किया। रुडोल्फ के आविष्कार से इंजन का नाम डीजल इंजन पड़ा और तरल ईंधन को डीजल कहा जाने लगा।
    1932 में मशहूर अभिनेता महमूद अली का जन्म हुआ था। महमूद अपने ज़माने के एक ऐसे अभिनेता थे

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    DBLIVE | 10 September 2016 | Today's History

    1887 में उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत का जन्म हुआ था। इनका मुख्यमंत्री कार्यकाल 15 अगस्त 1947 से लेकर 27 मई 1954 तक रहा। 1955 से 1961 के दौरान इन्होंने भारत के गृहमंत्री का पद संभाला। भारतीय संविधान में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने और जमींदारी प्रथा को ख़त्म कराने में इनका योगदान महत्वपूर्ण माना जाता है। गोविंद बल्लभ पंत एक अच्छे नाटककार भी थे। इनके नाटक 'वरमाला' को काफी लोकप्रियता मिली। 1957 में गोविंद बल्लभ पंत को भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

    1897 में पहली बार किसी को शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले में गिरफ़्तार किया गया था। लंदन के 25 वर्षीय जॉर्ज स्मिथ को नशे में गाड़ी चलाने और एक इमारत में टक्कर मारने के आरोप में हिरासत में लिया गया। स्मिथ पर मुकदमा चला और उसे दोषी पाया गया। सज़ा के तौर पर स्मिथ को 25 शिलिंग का जुर्माना भरना पड़ा। इसके बाद 1910 में न्यूयॉर्क में शराब पीकर गाड़ी चलाने से जुड़ा पहला कानून लागू किया गया। 1936 में डॉक्टर रॉला हार्गर ने 'ड्रंकोमीटर' नाम की एक गुब्बारे जैसी मशीन ईजाद की, जिससे सांस की जांच कर बताया जा सकता था कि किसी व्यक्ति ने शराब पी है या नहीं। 1953 में पहला आधुनिक ब्रेथ-एनेलाइजर बना, जो इस्तेमाल में बेहद आसान था। इस यंत्र की मदद से सांस में अलकोहल की वाष्प को मापा जा सकता है, साथ ही इस उपकरण से ख़ून में अलकोहल की मात्रा का सही अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

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    DBLIVE | 12 September 2016 | Today's History

    1953 में अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी ने जैकलीन बुविये से शादी रचाई थी। जैकलीन वॉशिंगटन टाइम्स-हेराल्ड समाचारपत्र के साथ बतौर प्रेस फोटोग्राफर काम करती थीं। इस शादी में 750 से ज्यादा मेहमान शामिल हुए थे। चर्च के बाहर खड़ी करीब 3,000 लोगों की भीड़ ने नए नवेले जोड़े को देखने के लिए घंटों इंतजार किया। शादी के सात वर्ष बाद केनेडी अमेरिका के राष्ट्रपति बने। राष्ट्रपति के पद पर उनका कार्यकाल 1,063 दिनों का रहा। जॉन एफ केनेडी अमेरिका के सबसे युवा राष्ट्रपति थे और अपने छोटे से कार्यकाल में ही इन्होंने काफी लोकप्रियता हासिल की। 1962 में सोवियत संघ के साथ क्यूबा मिसाइल संकट के दौरान केनेडी ने अपने सक्षम नेतृत्व का परिचय दिया। इन्होंने परमाणु परीक्षण पर रोक लगाने वाले समझौते पर सोवियत संघ के साथ काफी बड़ी सफलता हासिल की थी। केनेडी ने ही सबसे पहले सपना दिखाया कि अमेरिका चांद पर जाएगा, जिसके बाद अपने दृढ़ इरादों का सबूत देते हुए 1969 में नील आर्मस्ट्रांग चांद पर पहुंचने वाले पहले इंसान बने।

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  • Watch DBLIVE | 13 September 2016 | Today
    DBLIVE | 13 September 2016 | Today's History

    1946 में मेजर रामास्वामी परमेस्वरन का जन्म हुआ था। मेजर रामास्वामी 'ऑपरेशन पवन' में अहम योगदान के लिए मशहूर हैं। 1987 से 1990 के बीच भारत के सहयोग से श्रीलंका में 'ऑपरेशन पवन' चलाया गया था, जिसमें भारतीय सेना के मेजर रामास्वामी परमेस्वरन शांति विरोधी तत्वों के हाथों शहीद हो गए थे। ऑपरेशन पवन के तहत वीरता से दुश्मनों से लोहा लेने वाले मेजर रामास्वामी को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। दरअसल, 1987 में भारत और श्रीलंका के बीच एक अनुबंध हुआ था, जिसमें श्रीलंका के कई तमिल प्रतिनिधि भी साथ लिए गए। इस अनुबंध के मुताबिक भारत की इण्डियन पीस कीपिंग फोर्स का श्रीलंका जाना तय किया गया, जहां वह तमिल उग्रवादियों का सामना करते हुए शांति बनाने का काम करें ताकि श्रीलंका से भारत की ओर शरणार्थियों का आना रुक जाए। भारतीय शांति सेना ने सभी उग्रवादियों से हथियार डालने का दबाव बनाया, जिसमें वह काफ़ी हद तक सफल भी हुई, लेकिन तमिल उग्रवादी संगठन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम इस काम में कुटिलता बरत गया। उसने पूरी तरह से हथियार न डालकर अपनी नीति बदल ली। लिट्टे ने गोरिल्ला युद्ध अपना लिया था।

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    DBLIVE | 15 September 2016 | Today's History

    1935 में जर्मनी में न्यूरेम्बर्ग कानून बनाया गया। इस कानून के तहत जर्मन यहूदियों को जर्मन नागरिकता से वंचित कर दिया गया। उल्टे स्वस्तिक को नाज़ी जर्मनी का आधिकारिक प्रतीक घोषित कर दिया गया। जर्मनी की नाज़ी तानाशाही में यह महत्वपूर्ण पड़ाव था, जिसका अंत बड़े पैमाने पर यहूदी नरसंहार और द्वितीय विश्व युद्ध के रूप में सामने आया। इस युद्ध में 60 लाख से ज़्यादा लोग मारे गए थे। 1933 में हिटलर के सत्ता में आने के बाद नाज़ीवाद जर्मनी की सरकारी विचारधारा बन गया और यहूदियों को बुरे हालातों का सामना करना पड़ा।


    1940 में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटेन की वायुसेना ने जर्मन वायुसेना को शिकस्त दी थी। इस हमले के दौरान ब्रितानी वायुसेना ने दावा किया कि उसने जर्मन वायुसेना के 176 जहाज़ मार गिराए हैं। साथ ही ब्रितानी वायुसेना ने यह भी कहा कि हमारे केवल 25 जंगी जहाज़ और 13 पायलट इस लड़ाई में गए थे। बाद के दिनों में यह साफ़ हुआ कि इस लड़ाई के दौरान जर्मनी और ब्रिटेन दोनों ने ही बढ़ा-चढ़ा कर अपने दावे पेश किए हैं। 15 सितंबर को ब्रिटेन ने जर्मनी के 60 लड़ाकू जहाज़ गिराए थे। ब्रिटेन के हाथों हुए नुकसान की वजह से जर्मनी ने ब्रिटेन में अपनी ज़मीनी सेनाओं को भेजने का इरादा छोड़ दिया था। कई दिनों तक चले इस युद्ध में ब्रिटेन ने जर्मनी के 2,698 हवाई जहाज़ों को मार गिराने के दावा किया लेकिन यह संख्या 1,294 थी। वहीं जर्मनी ने 3,058 ब्रितानी जहाज़ गिराने का दावा किया था, जिनकी संख्या केवल 788 ही थी।

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    DBLIVE | 16 September 2016 | Today's History

    1916 में मशहूर गायिका एमएस सुब्बुलक्ष्मी का जन्म हुआ था। सुब्बुलक्ष्मी बचपन में ही कर्नाटक संगीत से जुड़ी थीं। इनकी पहली एलबम महज़ दस वर्ष की उम्र में रिलीज़ हुई थी। सुब्बुलक्ष्मी ने मशहूर संगीताचार्य सेम्मनगुडी श्रीनिवास अय्यर और पंडित नारायण राव से संगीत की शिक्षा ली। इन्होंने सार्वजनिक तौर पर पहली बार अपने गायन का प्रदर्शन एक समारोह में किया था। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए मद्रास संगीत अकादमी गईं, जहां मात्र 17 वर्ष की उम्र में इनका नाम चेन्नई संगीत अकादमी में एक श्रेष्ठ गायिका के रूप जुड़ गया। इन्होंने कन्नड़ के अलावा तमिल, मलयालम, तेलुगू, हिंदी, संस्कृत, बंगाली और गुजराती में भी गीत गाए हैं। 1945 में सुब्बुलक्ष्मी ने फ़िल्म भक्त मीरा में अभिनय भी किया। देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सुब्बुलक्ष्मी को संगीत की रानी बताया, तो वहीं इनके बारे में गांधीजी का कहना था, वह किसी और का गायन सुनने की बजाय सुब्बुलक्ष्मी की आवाज़ सुनना पसंद करेंगे। सुब्बुलक्ष्मी के गाए हुए गाने, ख़ासकर भजन आज भी लोगों के बीच काफ़ी लोकप्रिय हैं। इनका गाया हुआ भजन वैष्णव जन तो तेणे कहिए, पीर पराई जाने रे’ आज भी बेहद लोकप्रिय है। 1954 में सुब्बुलक्ष्मी को पद्म भूषण, 1956 में संगीत नाटक अकादमी सम्मान, 1974 में रैमन मैग्सेसे सम्मान,1975 में पद्म विभूषण, 1998 में भारत रत्न सम्मान समेत कई पुरस्कारों से नवाजा गया।

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    DBLIVE | 17 September 2016 | Today's History

    1915 में मशहूर चित्रकार मक़बूल फ़िदा हुसैन का जन्म हुआ था। 1947 में यह प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट ग्रुप में शामिल हुए। युवा पेंटर के रूप में हुसैन बंगाल स्कूल ऑफ़ आर्ट्स की राष्ट्रवादी परंपरा को तोड़कर कुछ नया करना चाहते थे। 1952 में ज्युरिख में उनकी पहली एकल प्रदर्शनी लगी। इनकी फ़िल्म थ्रू द आइज़ ऑफ़ अ पेंटर को 1966 में फ्रांस के फ़िल्म समारोह में सम्मानित किया जा चुका है। इन्होंने रामायण, गीता, महाभारत आदि ग्रंथों में लिखित सूक्ष्म पहलुओं को अपने चित्रों के माध्यम से जीवंत बनाया। 1998 में इन्होंने हैदराबाद में सिनेमाघर नामक संग्रहालय की स्थापना की। क्रिस्टीज़ ऑक्शन में उनकी एक पेंटिंग 20 लाख अमेरिकी डॉलर में बिकी। इसके साथ ही हुसैन भारत के सबसे महंगे चित्रकार बन गए। मक़बूल फ़िदा हुसैन का शोहरत के साथ साथ विवादों से भी अच्छा खासा रिश्ता रहा। 1996 में हिंदू देवी-देवताओं की इनकी चित्रकारी को लेकर काफ़ी विवाद हुआ, कई कट्टरपंथी संगठनों ने तोड़फोड़ कर अपनी नाराजगी ज़ाहिर की। जब किसी ने हुसैन से पूछा कि आपकी चित्रकारी को लेकर हमेशा विवाद होता रहा है? तो उनका जवाब था, यह मॉर्डन आर्ट है। इसे सबको समझने में देर लगती है। फिर लोकतंत्र है। सबको हक़ है। फ़ोर्ब्स पत्रिका ने मक़बूल फ़िदा हुसैन को भारत का पिकासो घोषित किया था।

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