DBLIVE | 17 September 2016 | Today's History

932 views

1915 में मशहूर चित्रकार मक़बूल फ़िदा हुसैन का जन्म हुआ था। 1947 में यह प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट ग्रुप में शामिल हुए। युवा पेंटर के रूप में हुसैन बंगाल स्कूल ऑफ़ आर्ट्स की राष्ट्रवादी परंपरा को तोड़कर कुछ नया करना चाहते थे। 1952 में ज्युरिख में उनकी पहली एकल प्रदर्शनी लगी। इनकी फ़िल्म थ्रू द आइज़ ऑफ़ अ पेंटर को 1966 में फ्रांस के फ़िल्म समारोह में सम्मानित किया जा चुका है। इन्होंने रामायण, गीता, महाभारत आदि ग्रंथों में लिखित सूक्ष्म पहलुओं को अपने चित्रों के माध्यम से जीवंत बनाया। 1998 में इन्होंने हैदराबाद में सिनेमाघर नामक संग्रहालय की स्थापना की। क्रिस्टीज़ ऑक्शन में उनकी एक पेंटिंग 20 लाख अमेरिकी डॉलर में बिकी। इसके साथ ही हुसैन भारत के सबसे महंगे चित्रकार बन गए। मक़बूल फ़िदा हुसैन का शोहरत के साथ साथ विवादों से भी अच्छा खासा रिश्ता रहा। 1996 में हिंदू देवी-देवताओं की इनकी चित्रकारी को लेकर काफ़ी विवाद हुआ, कई कट्टरपंथी संगठनों ने तोड़फोड़ कर अपनी नाराजगी ज़ाहिर की। जब किसी ने हुसैन से पूछा कि आपकी चित्रकारी को लेकर हमेशा विवाद होता रहा है? तो उनका जवाब था, यह मॉर्डन आर्ट है। इसे सबको समझने में देर लगती है। फिर लोकतंत्र है। सबको हक़ है। फ़ोर्ब्स पत्रिका ने मक़बूल फ़िदा हुसैन को भारत का पिकासो घोषित किया था।.

You may also like

  • Watch DB LIVE | 02 SEPTEMBER 2016 | TODAY
    DB LIVE | 02 SEPTEMBER 2016 | TODAY'S HISTORY| 2 SEPTEMBER HISTORY

    1941 में मशहूर अभिनेत्री साधना शिवदासानी का जन्म हुआ था। साधना ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत फिल्म 'अबाणा' से की थी। अपने बालों की स्टाइल की वजह से साधना बहुत पसंद की गईँ और उनका यह हेयर स्टाइल साधना कट के नाम से जाना जाता है। 'लव इन शिमला', 'मेरे महबूब', 'आरज़ू', 'वक़्त', 'मेरा साया', 'इश्क पर ज़ोर नहीं', 'परख', 'प्रेमपत्र', 'गबन', 'एक फूल दो माली' और 'गीता मेरा नाम' आदि इनकी बेहतरीन फिल्में हैं। 2002 में साधना को अंतरराष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी यानी आईफा की ओर से लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से नवाज़ा गया।

    1945 में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान ने बिना किसी शर्त आत्मसमर्पण किया था। जापानी अधिकारियों ने मित्र सेनाओं के क़रीब 50 जनरलों और उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में आत्मसमर्पण के कागज़ातों पर दस्तख़त किए और इसी के साथ छह वर्षों से चल रहा दूसरा विश्व युद्ध औपचारिक रूप से ख़त्म हो गया। छह अगस्त को अमेरिका ने युद्ध के दौरान मानव इतिहास में पहली बार जापान के हिरोशिमा शहर में परमाणु बम गिराया था। दूसरा बम तीन दिन बाद नागासाकी शहर पर गिराया गया। जापान के सम्राट हिरोहितो ने युद्ध के दौरान जापानी अधिकारियों और सैनिकों की ओर से किए गए सारे अपराधों की ज़िम्मेदारी खुद लेने का प्रस्ताव किया, लेकिन यह प्रस्ताव पारित नहीं हुआ।

    News video | 647 views

  • Watch 5 December History: क्यों World के लिए है आज ख़ास दिन | History | Today History | Khabarfast | Video
    5 December History: क्यों World के लिए है आज ख़ास दिन | History | Today History | Khabarfast |

    5 December History: क्यों World के लिए है आज ख़ास दिन | History | Today History | Khabarfast |
    #history #todayshistory #aajkaitihas #worldhistory #KhabarfastNews #KhabarfastLive #Latestnews -
    www.khabarfast.com/

    Khabar Fast brings the Latest News & Top Breaking headlines on Politics and Current Affairs in India & around the World, Sports, Business, Bollywood News and Entertainment, Science, Technology, Health & Fitness news. To Get updated Press the like Button now

    Khabar Fast News Channel:

    खबर फास्ट भारत का हिंदी न्यूज चैनल है । खबर फास्ट चैनल हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हर एक राज्य से जुड़ी खबर से रुबरु कराता है । ख़बर फास्ट न्यूज चैनल राजनीति, मनोरंजन, बॉलीवुड, व्यापार और खेल में नवीनतम समाचारों को शामिल करता है। खबर फास्ट चैनल की लाइव खबरें एवं ताजा ब्रेकिंग अपडेट न्यूज, प्रोग्राम के लिए बने रहिए- टीवी चैनल्स, सोशल मीडिया (YOUTUBE, FACEBOOK, INSTAGRAM,TWITTER AND WEBSITE)

    Khabar Fast is the Hindi news channel of India. Khabar Fast Channel deals with news related to Haryana, Himachal Pradesh, Punjab, Rajasthan, Uttar Pradesh and every state. The Khabar Fast News channel covers the latest news in politics, entertainment, Bollywood, business and sports. Khabar Fast Channel Live news and latest breaking news, stay tuned for the program - TV channels, social media (YOUTUBE, FACEBOOK, INSTAGRAM, TWITTER AND WEBSITE)

    Subscribe to Khabar Fast YouTube Channel- https://www.youtube.com/channel/UCzEQ-n1l5Ld6nK5URcv-XHA

    Visit Khabar Fast Website- https://www.khabarfast.com/

    Follow us on Facebook- https://www.facebook.com/khabarfastTV

    Follow us on Twitter- https://twitter.com/Khabarfast

    Follow us on Instagram- https://www.instagram.com/khabarfast/

    For any information or any suggestion you can also mail us on-care@khabarfast.com

    5 December History: क्यों World के लिए है आज ख़ास दिन | History | Today Histor

    News video | 106 views

  • Watch DBLIVE | 21 September 2016 | Today
    DBLIVE | 21 September 2016 | Today's History | आज का इतिहास

    926 में मशहूर अभिनेत्री और पार्श्व गायिका नूरजहां का जन्म हुआ था। मल्लिका-ए-तरन्नुम नूरजहां को लोकप्रिय संगीत में क्रांति लाने और पंजाबी लोकगीतों को नया आयाम देने का श्रेय जाता है। नूरजहां अपनी आवाज़ में आय दिन नए प्रयोग करती थीं। अपनी इन खूबियों की वजह से ही यह ठुमरी गायकी की महारानी कहलाने लगी थीं। नूरजहां की गायकी से प्रभावित होकर संगीतकार ग़ुलाम हैदर ने इन्हें केडी मेहरा की पहली पंजाबी फ़िल्म शीला उर्फ पिंड दी कुड़ी में बाल कलाकार की छोटी सी भूमिका दिलाई। 1935 में रिलीज़ हुई यह फ़िल्म पूरे पंजाब में हिट रही। लाल हवेली, जीनत, बड़ी मां, गांव की गोरी, यमला जट, दुपट्टा, मिर्जा साहिबा इनकी बेहतरीन फिल्में हैं।


    1938 में अमेरिका के न्यू इंग्लैंड में भयानक तूफान आया था। इस तूफान को द ग्रेट हरिकेन नाम दिया गया। इस तूफान की शुरुआत अफ्रीका के तट से हुई थी। इसकी तीव्रता लगातार बढ़ती गई और 21 सितंबर को तूफान अमेरिका के पूर्वी तट पर लॉन्ग आइलैंड पर पहुंचा। तूफान की वजह से 800 लोगों की मौत हो गई और लगभग 60,000 घर तबाह हो गए। न्यू इंग्लैंड में इससे पहले और इसके बाद अब तक इतना घातक तूफान नहीं आया है। कहा जाता है कि 1635 में द ग्रेट कोलोनियल हरिकेन काफी खतरनाक तूफान था और 2012 में हरिकेन सैंडी तूफान ने भी आर्थिक लिहाज़ से बहुत नुकसान किया था, लेकिन इन दोनों के मुकाबले द ग्रेट हरिकेन तूफान सबसे महंगा पड़ने वाला तूफान माना जाता है।

    News video | 331 views

  • Watch DBLIVE | 1 September 2016 | Today
    DBLIVE | 1 September 2016 | Today's History

    1927 में मशहूर साहित्यकार डॉ. राही मासूम रज़ा का जन्म हुआ था। रज़ा ने 1946 में लेखन की शुरुआत की। 1950 में इनका पहला उपन्यास 'मुहब्बत के सिवा' उर्दू में प्रकाशित हुआ। रज़ा अपने धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रीय दृष्टिकोण की वजह से लोकप्रिय रहे। ‘टोपी शुक्ला', 'ओस की बूंद', 'हिम्मत जौनपुरी' आदि इनकी प्रमुख रचनाएं हैं। मुंबई में रहकर रज़ा ने 300 फ़िल्मों की पटकथा और संवाद लिखे और दूरदर्शन के लिए 100 से अधिक धारावाहिक लिखे, जिनमें 'महाभारत' और 'नीम का पेड़' बेहद लोकप्रिय रहा। इन्हें ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’ फ़िल्म के लिए फ़िल्म फ़ेयर का सर्वश्रेष्ठ संवाद पुरस्कार भी मिला।

    News video | 529 views

  • Watch DBLIVE | 22 September 2016 | Today
    DBLIVE | 22 September 2016 | Today's History | आज का इतिहास

    1791 में भौतिक विज्ञानी और रसासनशास्‍त्री माइकल फैराडे का जन्म हुआ था। 1831 में माइकल फैराडे ने विद्युत-धारा के चुंबकीय प्रभाव का आविष्कार किया था। फैराडे ने चुंबकीय क्षेत्र में एक चालक को घुमाकर विद्युत वाहक बल उत्पन्न किया। इस सिद्धांत पर भविष्य में जनरेटर और आधुनिक विद्युत इंजीनियरी की नींव पड़ी। इन्होंने विद्युतविश्लेषण पर महत्वपूर्ण कार्य किए और इसके नियमों की स्थापना की। इन नियमों को फैराडे के नियम कहा जाता है। विद्युतविश्लेषण में जिन तकनीकी शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है, उनका नामकरण भी फैराडे ने ही किया था। क्लोरीन गैस का द्रवीकरण करने में भी फैराडे सफल रहे। परावैद्युतांक, प्राणिविद्युत, चुंबकीय क्षेत्र में रेखा ध्रुवित प्रकाश का घुमाव, आदि विषयों में भी फैराडे का अहम योगदान रहा है।

    1965 में भारत-पाकिस्तान के बीच संयुक्त राष्ट्र की पहल पर युद्ध विराम हुआ था। भारत-पाक के बीच चल रहे इस युद्ध को दूसरा कश्मीर युद्ध भी कहा जाता है। 1947 में भारत के आज़ाद होने के बाद से ही कश्मीर के लिए दोनों देशों के बीच जंग की शुरुआत हुई थी। इस युद्ध में कोई साफ़ विजेता तो नहीं था, लेकिन पाकिस्तान ने जीत हासिल करने का दावा किया था। जबकि सच्चाई यह थी कि भारत की हालत इस युद्ध में पाकिस्तान से बेहतर थी। भारतीय सेनाएं सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हाजी पीर के दर्रे के ऊपर काबिज़ हो गई थीं।

    News video | 310 views

  • Watch DBLIVE | 3 September 2016 | Today
    DBLIVE | 3 September 2016 | Today's History

    1923 में भारत के मशहूर तबला वादक पंडित किशन महाराज का जन्म हुआ था। किशन महाराज तबला उस्ताद होने के साथ-साथ मूर्तिकार, चित्रकार, वीर रस के कवि और ज्योतिष के जानकार भी थे। 1965 में ब्रिटेन में कॉमनवेल्थ कला समारोह के साथ ही कई अवसरों पर अपने कार्यक्रम प्रस्तुत कर किशन महाराज ने प्रतिष्ठा अर्जित की थी। किशन महाराज को पद्मश्री, पद्म विभूषण और संगीत नाटक अकादमी सम्मान से नवाज़ा गया।


    1926 में मशहूर अभिनेता उत्तम कुमार का जन्म हुआ था। मुख्य रूप से बंगाली सिनेमा में काम करने वाले उत्तम कुमार एक अभिनेता होने के साथ-साथ फ़िल्म निर्देशक, निर्माता, गायक और संगीतकार भी थे। जिस तरह हिन्दी सिनेमा में राज कपूर और नरगिस की जोड़ी को याद किया जाता है, वैसे ही बंगाली सिनेमा में उत्तम कुमार और सुचित्रा सेन का कोई मुकाबला नहीं था। बतौर अभिनेता उत्तम कुमार की पहली फ़िल्म 'दृष्टिदान' थी, जिसे मशहूर निर्देशक नितिन बोस ने निर्देशित किया था। कोलकाता में इनके नाम पर 'उत्तम थियेटर' भी खोला गया है। छोटी सी मुलाक़ात, अमानुष, आनंद आश्रम, क़िताब, दूरियां आदि इनकी नायाब फ़िल्में हैं। बंगाली सिनेमा में उत्तम कुमार को 'महानायक' की पदवी दी गई है।

    News video | 557 views

  • Watch DBLIVE | 23 September 2016 | Today
    DBLIVE | 23 September 2016 | Today's History | आज का इतिहास

    1908 में मशहूर कवि रामधारी सिंह 'दिनकर' का जन्म हुआ था। 1934 में बिहार सरकार के अधीन दिनकर ने सब-रजिस्ट्रार के पद पर काम करना शुरू किया। लगभग नौ वर्षों तक वह इस पद पर बने रहे। 1947 में यह बिहार विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्राध्यापक और विभागाध्यक्ष नियुक्त किए गए। 1952 में जब भारत की पहली संसद का निर्माण हुआ, तो इन्हें राज्यसभा का सदस्य चुना गया और वह दिल्ली आ गए। भारत सरकार ने दिनकर को 1965 से 1971 तक अपना हिन्दी सलाहकार नियुक्त किया। इसी दौरान इन्होंने ज्वारा उमरा, रेणुका, हुंकार और रसवंती आदि रचनाएं कीं। रश्मिरथी, उर्वशी, कुरुक्षेत्र, संस्कृति के चार अध्याय, परशुराम की प्रतीक्षा, हाहाकार, चक्रव्यूह, आत्मजयी, वाजश्रवा के बहाने आदि इनकी नायाब रचनाएं हैं। दिनकर को अपनी बेहतरीन रचनाओं के लिए भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार, साहित्य अकादमी पुरस्कार, पद्म भूषण समेत कई अन्य सम्मानों से नवाज़ा गया।

    News video | 442 views

  • Watch DBLIVE | 5 September 2016 | Today
    DBLIVE | 5 September 2016 | Today's History

    1888 में भारत के दूसरे राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। 1916 में राधाकृष्णन मद्रास रेजीडेंसी कॉलेज में दर्शनशास्त्र के सहायक प्राध्यापक नियुक्त किए गए। डॉक्टर राधाकृष्णन समूचे विश्व को एक विद्यालय मानते थे। उनका मानना था कि शिक्षा के ज़रिए ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है, इसलिए विश्व को एक ही इकाई मानकर शिक्षा का प्रबंधन करना चाहिए। शिक्षा के योगदान के लिए राधाकृष्णन को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया था।


    1986 में बंबई से न्यूयॉर्क जा रहा PAN-AM के एक हवाई जहाज़ को पाकिस्तान के कराची हवाई अड्डे पर अगवाकर लिया गया था। विमान में उस समय 390 यात्री सवार थे। काफी मशक्कत के बाद पाकिस्तानी फौजी कमांडो यूनिट ने जहाज़ को छुड़ा लिया था, लेकिन जहाज़ पर सैनिकों के पहुंचने से पहले अपहरणकर्ताओं ने लोगों पर गोलियां चलानीं शुरू कर दीं थी, जिसकी वजह से मौके पर ही 17 लोग मारे गए। मारे गए लोग जहाज़ के आपातकालीन रास्ते से भागने की कोशिश कर रहे थे। जहाज़ को छुड़ाने की सैनिक कार्रवाई में सभी अपहरणकर्ता जीवित पकड़ लिए गए। अपहरणकर्ता फ़िलस्तीनी आंदोलनकारियों से ताल्लुक़ रखते थे। 1998 में सभी अपहरणकर्ताओं को फ़ांसी की सज़ा सुनाई गई। बाद में इस सज़ा को उम्रकै़द में बदल दिया गया।

    News video | 460 views

  • Watch DBLIVE | 24 September 2016 | Today
    DBLIVE | 24 September 2016 | Today's History | आज का इतिहास

    1932 में डॉ. भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी के बीच पुणे की यरवदा सेंट्रल जेल में अछूतों के अधिकारों के लिए पूना पैक्‍ट पर हस्ताक्षर हुए थे। इस समझौते के तहत विधानसभा में दलितों के लिए सीटें सुरक्षित की गईं। आजाद भारत के लिए संविधान बनाने के लिए ब्रिटेन ने 1930 से 1932 के बीच अलग-अलग पार्टियों के नेताओं को गोलमेज कांफ्रेंस के लिए आमंत्रित किया। महात्मा गांधी पहली और आखिरी बैठक में शामिल नहीं हुए थे। पहली बैठक में डॉ. अंबेडकर ने ब्रिटिश सरकार के उस कदम का समर्थन किया, जिसमें दलितों के लिए अलग से निर्वाचक मंडल रखने की सलाह दी गई थी। तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री मैकडोनेल्ड ने मुस्लिम, ईसाई, एंग्लो इंडियन और सिखों के साथ ही दलितों के लिए अलग से निर्वाचक मंडल बनाने की सलाह दी। यह फैसला सामान्य मतदाताओं के तहत ही बनाया जाना था, जिससे दलितों को दोहरे मतदान की अनुमति मिल जाती। वो अपने उम्मीदवार के साथ ही सामान्य उम्मीदवार के लिए भी चुनाव में शामिल होते। गांधी ने इसका कड़ा विरोध किया और दलील दी कि इससे हिंदू समुदाय में विभाजन होगा। 1932 में गांधीजी तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री के प्रस्ताव के विरोध में आमरण अनशन पर चले गए। 24 सितंबर को गांधीजी और अंबेडकर के बीच जब समझौता हुआ, तो यह तय हुआ कि सामान्य मतदाताओं में ही दलीतों के उम्मीदवारों के लिए सीटें आरक्षित होंगीं। उस समय अलग-अलग राज्यों की एसेंबली में कुल मिलाकर 148 सीटें दलितों के लिए आरक्षित करने के फैसले पर मुहर लगी।

    News video | 381 views

  • Watch DBLIVE | 6 September 2016 | Today
    DBLIVE | 6 September 2016 | Today's History

    1915 में इंग्लैंड में पहले युद्धक टैंक का निर्माण किया गया था। इस टैंक का नाम 'लिटिल विली' था। टैंक का वजन क़रीब 14 टन था। परीक्षण के दौरान इस टैंक में काफी मुश्किलें आईं, लेकिन आगे चलकर इसी प्रोटोटाइप में काफी सुधार किए गए और इसे युद्ध मैदान में उतारने लायक बनाया गया। 1918 में सामने आए सुधरे हुए मॉडल को 'बिग विली' का नाम दिया गया। 'मार्क वन' नाम के टैंक का पहला इस्तेमाल फ्रांस में किया गया, जिसके बाद दूसरे विश्व युद्ध में टैंकों का खूब इस्तेमाल हुआ। 1914 में ब्रिटिश आर्मी के कर्नल अर्नेस्ट स्विंटन और विलियम हैंके ने सबसे पहले युद्धक वाहन की परिकल्पना पेश की थी।


    1965 में भारतीय सेना ने तीन जगहों से सीमा पारकर पश्चिमी पाकिस्तान पर हमला कर दिया था। कहा जाता है कि इस सैन्य कार्रवाई का मक़सद लाहौर को निशाना बनाना था, लेकिन भारतीय अधिकारियों का कहना था कि यह कार्रवाई भारत के ख़िलाफ़ पाकिस्तानी हमले को रोकना था। 25 अगस्त 1965 को पाकिस्तानी सेना ने 1949 की युद्धविराम रेखा का उल्लंघन करते हुए एक गुपचुप अभियान चलाया था। यह रेखा 1949 की भारत-पाक लड़ाई के बाद भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर में क़ायम की गई थी। जिसके बाद इस रेखा के आसपास कई छोटी-मोटी गोलीबारी हुई थी, लेकिन भारतीय सेना ने पश्चिमी पाकिस्तान पर पहली बार हमला किया था।

    News video | 371 views

News Video

Vlogs Video