उधारी का पैसा न देने के लिए अश्लील हरकत करने का लगाया झूठा आरोप, आयोग ने महिला को लगाई गई फटकार
महिला अधिकारों का दुरुपयोग ना करें पुरुषों के खिलाफ झूठा मामला दर्ज ना कराए
पत्नी से 4 लाख रुपये एठने के साथ मानसिक एवं शारिरिक शोषण करने वाले पति और उनके परिवार वालों पर थाने में होगी प्राथमिकी दर्ज
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य डॉ अनिता रावटे की उपस्थिति में आज शास्त्री चैक स्थित, राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की गई।
आज प्रस्तुत प्रकरण में अनावेदक ने बताया कि आवेदिका लिखित इकरारनामा के माध्यम से व्यक्तिगत 50 हजार रुपये लिया है और वापस न करना पड़े इसलिए झूठी शिकायत आयोग में की थी। आवेदिका से पूछताछ करने पर उसने स्वीकार किया कि उसने 50 हजार रूपये लिया है और वह एक माह के अंदर आयोग के समक्ष रुपये वापस देना स्वीकार किया है। आवेदिका का कथन है कि अनावेदक ने उसे डांट लगाई थी इसलिए उनके खिलाफ आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। महिला आयोग में महिलाओं की रक्षा का अर्थ कतई यह नही है कि महिला अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर पुरुषों के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराए आवेदिका को आयोग के समझाइश दिए जाने पर आवेदिका ने आयोग के समक्ष अनावेदक से माफी मांगी और अगली सुनवाई में रुपये वापस करने की सहमति भी दी है।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने पहले पति से तलाक और गुजारा भत्ता के साथ दोनो बच्चों की मांग की। अनावेदक और आवेदिका ने दूसरा विवाह कर लिया है। अब बच्चों पर दावा कर रहे है, यह स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। आयोग के अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि बिना तलाक लिए दोनो पक्ष शादी कर दोषी साबित हो चुके हैं। ऐसी स्थिति में प्रकरण का निराकरण किया जाना उचित नहीं होगा क्योंकि दोनों की स्थिति वैधानिक नही है। इस पूरे प्रकरण में दोनो मासूम बच्चे दुर्भाग्यजनक स्थिति पर है। माता-पिता के रहते हुए दोनो बच्चे अनाथ हो गये है, चूंकि प्रकरण में नाबालिग बच्चे का हैं। इस कारण आयोग ने इस प्रकरण को तत्काल बाल संरक्षण आयोग के तत्कालीन सहायक संचालक वर्तमान में जिला कार्यक्रम अधिकारी रायपुर से दूरभाष पर चर्चा कर दोनो पक्षो को बाल संरक्षण आयोग से कार्यवाही करने की बात कही गई। जिस पर इस प्रकरण की सम्पूर.